Class 12th physics chapter 5: magnetism and matter|NCERT Physics Notes in Hindi Medium

Class 12th physics chapter 5: 

इस पोस्‍ट में हमलोग बिहार बोर्ड भौतिकी कक्षा 12 पाठ 4 गतिमान आवेश तथा चुंबकत्व के बारे में विस्तार से बतलाएंगे।यदि हमलोग द्वारा दी गए जानकारी अच्छी लगे तो अपने दोस्तो के पास अवश्य शेयर करे। मैं विक्रांत कुमार और मेरी टीम(the guide academic)आप लोगों की सहायता के लिए हमेशा तात्पर है।

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Board

CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board,  Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
Textbook NCERT
Class Class 12
Subject Physics
Chapter no. Chapter 5
Chapter Name चुंबक एवं द्रव्य
Category Class 12 Physics Notes in Hindi
Medium Hindi
अध्याय:- 5 चुम्बक एवं द्रव्य 

चुम्बक का इतिहास :- 

  • ग्रीस में एशिया माइनर के मैग्शिया नामक स्थान पर एक ऐसे पदार्थ की खोज हुई,जो लोहे, निकेल,कोबाल्ट को आकर्षित करने वाला था।इस धात्विक पदार्थ को उस जगह के नाम के आधार पर मैग्नेटाइट कहा गया।
  • इस पदार्थ को स्वतंत्रतापूर्वक लटकाने पर उत्तर- दक्षिण दिशा में व्यवस्थित कर लेता है,इस पदार्थ को चुंबक कहा गया।
  • मैग्नेटाइट को लीडिंग स्टोन या मार्गदर्शक पत्थर कहा गया।

यह दो प्रकार के होता है:- 

1. प्राकृतिक चुम्बक                      2.कृत्रिम चुम्बक 

1. प्राकृतिक चुम्बक(Natural Magnets):-

  • यह खदानों से प्राप्त चुम्बक को प्राकृतिक चुम्बक कहते है।
  • इसका आकार अनियमित होता है तथा इनमें चुम्बकीय गुण भी कम पाए जाते हैं।Ex- मैग्नेटाइट (यह लौह का अयस्क Fe3Oहै)

2. कृत्रिम चुम्बक (Artificial Megnets):- 

  • मानव द्वारा प्राकृतिक चुम्बक की अशुद्धियां को हटाकर अधिक चुंबकीय गुणों वाली चुंबक बनाई जाती है,जिसे कृत्रिम चुम्बक कहते हैं।
  • लौह चुंबकीय पदार्थों को उच्च चुंबकीय क्षेत्र में रखकर या परिनालिका में रखकर या लोहे की छड़ पर चुम्बक को रगड़कर चुम्बक का निर्माण किया जाता हैं।
  • यह दो प्रकार के होता है:- 

         A. स्थाई चुम्बक                  B. अस्थाई चुम्बक 

A. स्थाई चुम्बक (Permanent Magnet):- 

  • स्थाई चुम्बक में लंबे समय तक चुम्बकत्व रहता है,इनका चुम्बकत्व आसानी से नष्ट नहीं किया जा सकता है।
  • ये कठोर स्टील,कोबाल्ट स्टील,टंगस्टन, मिश्रितधातु एनालिको (Al+Ni+Co) या अन्य किसी लौह चुम्बकीय पदार्थ के बने होते हैं।

B. अस्थाई चुम्बक (Temporary Magnet):- 

  • ऐसी चुंबक जिसमें चुम्बकीय गुण निश्चित समय के लिए उत्पन्न किये जाते है,अस्थाई चुम्बक कहलाती है।
  • अस्थाई चुम्बक में तब तक चुंबकीत रहते है,तब तक चुम्बककारी बल उपस्थित रहता है।चुम्बककारी बल हटा लेने पर ये चुंबकीय गुण खो देते है।
  • अस्थाई चुम्बक का उपयोग जनित्र,मोटर,विद्युत घंटी आदि में किया जाता है।

दण्ड/छड़ चुम्बक के गुण(Porperties of Bar Magnet):-

  1. दिशा निर्देशन गुण जब किसी छड़ चुम्बक को स्वतंत्रतापूर्वक लटकाया जाय तो सदैव उत्तर – दक्षिण दिशा में आकर ठहरती है।जिसके उत्तरी सिरे को उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी सिरे को दक्षिणी ध्रुव कहते है।
  2. आकर्षण प्रकृति – छड़ चुम्बक के द्वारा लोहा, इस्पात,कोबाल्ट,निकेल,आदि को अपनी ओर आकर्षित किया जाता है। चुम्बक के सिरे पर वे बिंदु जहां पर चुम्बकत्व का गुण अधिकतम पाया जाता है,ध्रुव कहलाता है।
  3. प्रेरण गुण – जब लौह चुंबकीय पदार्थों को चुंबक के पास लाया जाता है,तो पदार्थ में चुंबकीय गुण उत्पन्न हो जाते है,इस घटना को चुंबकीय प्रेरण कहते है।
  4. छड़ चुम्बक के दोनों ध्रुवों की ध्रुव प्रबलता समान होती है।
  5. चुम्बक के समान ध्रुवों में प्रतिकर्षण तथा असमान ध्रुवों में आकर्षण होता है।
  6. ध्रुवों की युग्म में उपस्थिति – चुम्बक के दोनों ध्रुव युग्म में पाए जाते है।चुंबकीय ध्रुव को अलग – अलग नहीं किया जा सकता है। अर्थात अकेले चुम्बकीय ध्रुव का अस्तित्व नहीं होता है।

चुम्बक से संबंधित परिभाषाएं – 

1. चुम्बकीय ध्रुव (Magnetic Poles): चुम्बक के किनारे पर स्थित वे बिंदु जिन पर चुम्बकत्व सर्वाधिक हो, तो चुम्बकीय ध्रुव कहते है।

☞ यह दो प्रकार के होते है – 

  1.  उत्तरी ध्रुव [North pole] या धनात्मक चुंबकीय ध्रुव
  2. दक्षिणी ध्रुव [South pole] या ऋणात्मक चुम्बकीय ध्रुव 

2. चुम्बकीय अक्ष (Magnetic axis): चुम्बकीय ध्रुव से होकर गुजरने वाली काल्पनिक रेखा चुम्बकीय अक्ष कहलाता है

3. चुम्बक की प्रभावकारी लंबाई (Effective length of a magnet): चुम्बकीय ध्रुवों के मध्य की दूरी को चुंबक की प्रभावकारी लंबाई कहते है।

  • चुम्बक का प्रभावकारी लंबाई,चुम्बक की लंबाई का 5/6 (0.833…) गुना होता है।

4. चुम्बकीय याम्योत्तर :चुम्बकीय ध्रुवों से होकर गुजरने वाला काल्पनिक उद्धवधर तल, चुम्बकीय याम्योत्तर कहलाता है।

5.ध्रुव प्रबलता(Pole Strength): चुम्बक के चुम्बकीय ध्रुव द्वारा चुम्बकीय पदार्थो को आकर्षित करने की क्षमता उसकी ध्रुव प्रबलता कहलाती है।

  • इसे qm से प्रदर्शित करते है।
  • इसका मात्रक Am होता है।
  • यदि किसी छड़ चुम्बक को लंबाई के अनुदिश या लंबाई के लंबवत दो बराबर भागो में काट दिया जाए तो ध्रुव प्रबलता निम्न प्रकार है –

  • लंबाई के लंबवत दो भागों में काटने पर – 

चुम्बकीय द्विध्रुव(Magnetic dipole): ऐसा निकाय जिसमें समान परिणाम व विपरीत प्रकृति वाले चुम्बकीय ध्रुव कुछ दूरी पर उपस्थित हो तो उसे चुम्बकीय द्विध्रुव कहते है।


चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण (Magnetic dipole moment):


  1. धारावाहि लूप का चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण
  • किसी धारावाही कुण्डली का चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण कुण्डली से प्रवाहित धारा एवं कुंडली के क्षेत्रफल के गुणनफल के बराबर होता है।
  • इसे m द्वारा सूचित करते है।
  • m=NIA
  • इसका मात्रक Am2
  • विमा – [A1L2]

         b. दण्ड चुम्बक का चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण:- 

  • किसी चुंबकीय द्विध्रुव के एक ध्रुव की ध्रुव प्रबलता तथा दोनों ध्रुवों के मध्य की दूरी के गुणनफल को चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण कहते है।
  • माना दण्ड चुम्बक के ध्रुवों की ध्रुव प्रबलताएं qmतथा दोनों ध्रुवों के मध्य की दूरी 2l है तो दण्ड चुम्बक का चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण m= qm•2l
  • जहां qm→चुम्बकीय ध्रुव प्रबलता
  • qmका मात्रक- Am 
  • qmका विमा – [A L1 ]

चुम्बकीय क्षेत्र रेखा :- 

किसी चुंबक अथवा धारावाही चालक के चुम्बकीय क्षेत्र में खींची गई उन काल्पनिक रेखाओं को वक्र जो इसके चुम्बकीय क्षेत्र को प्रदार्शित करती है,उन्हें चुम्बकीय बल रेखा या चुंबकीय क्षेत्र रेखा कहते हैं।

गुण :- 

  1. चुंबकीय क्षेत्र रेखा बंद वक्र के रूप में होती है।
  2. चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं की दिशा चुम्बक के बाहर N से S की ओर तथा चुम्बक के अंदर S से N की ओर होती है।
  3. चुम्बकीय क्षेत्र रेखा के किसी बिंदु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को व्यक्त करती है।
  4. चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएं कभी भी एक – दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती हैं क्योंकि कटान बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की दो दिशाएं होंगी जो कि संभव नहीं है।
  5. जिस स्थान पर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं संघन होती हैं वहां चुंबकीय क्षेत्र प्रबल तथा जिस स्थान पर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं विरल होती है वहां चुंबकीय क्षेत्र दुर्बल होता है।
⇒ उदासीन बिंदु(Neutral point):- 

जिन बिंदुओं पर चुम्बक द्वारा उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक के बराबर व दिशा में विपरीत हो जाता है।वहां परिणामी चुंबकीय क्षेत्र शून्य हो जाता है। इन बिंदुओं को उदासीन बिंदु कहते है। 

उदासीन बिंदु पर  BH=BE in

  1. यदि चुम्बक का उत्तरी ध्रुव भौगोलिक उत्तरी की ओर हो तब उदासीन बिंदु चुम्बक की निरक्ष पर प्राप्त होते है।
  2. यदि चुम्बक का उत्तरी ध्रुव भौगोलिक दक्षिणी ध्रुव की ओर हो तब उदासीन बिंदु की अक्षीय स्थिति पर प्राप्त होते है।
👉 चुम्बकत्व के लिए कूलम्ब नियम :- 

→इस नियम के अनुसार “किन्हीं दो चुंबकीय ध्रुवों के मध्य लगने वाले चुंबकीय बल दोनों ध्रुवों की ध्रुव प्रबलताओ के गुणनफल के समानुपाति तथा उनके मध्य की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती है।

•माना दो चुंबकीय ध्रुव जिनकी ध्रुव प्रबलताए qm1 व qm2 है,एक दूसरे से r दूरी पर हो,तो ….

F∝ qm1 •qm2 – – – – – – (i)

F∝ 1/r2 – – – – – – (ii)

 सामीo (i) & (ii) से……..

  •  μo →निर्वात की चुम्बकीय पारगम्यता या चुंबकशीलता ( μo = 4π × 10– 7 web/ Am )
  • μo का  मात्रक → N/m या web/ Am
  • μo का विमा → [ M L T-2 A-2 ]
  • यदि दो समान परिणाम के चुम्बकीय ध्रुव परस्पर 1 मीटर दूरी पर स्थित हो और उनके मध्य 10– 7 N का बल कार्यरत हो तो वे चुंबकीय ध्रुव “ इकाई ध्रुव ” कहलाता है।

Class 12th physics chapter 5 Notes in Hindi


चुम्बकीय क्षेत्र की तिव्रता 

(Intensity of magnetic field )


 

 

 

Class 12th physics chapter 5: PDF


 

12th Physics Chapter 5 Full Details Notes.pdf By Vikrant sir

 

Class 12th physics chapter Wise wise Notes otes 


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मैं विक्रांत पटेल theguideacademic.com वेबसाइट के संस्थापक एवं प्रधान संपादक हूं|जो पिछले 2 वर्षो से लगातार शिक्षा से जुड़ी सभी अपडेट की जानकारी आपको देते आ रहा हूं| मैं विक्रांत पटेल बिहार के एक जिला Buxar के रहने वाला हूं, मैंने स्नातक की पढ़ाई VKSU Arah के अंतर्गत आने वाली Shershah College sasaram से किये है।मेरे द्वारा सबसे पहले सभी बोर्ड के परीक्षा से संबंधित नोट्स ,सरकारी नौकरी, सरकारी योजना, रिजल्ट, स्कॉलरशिप, एवं यूनिवर्सिटी अपडेट से जुड़ी सभी जानकारी ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से दिया जाता हैं।
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