इस अध्याय में हमलोग जानेंगे कि – विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव क्या है,किसे कहते है, चुम्बक के गुण क्या क्या है, चुम्बक के ध्रुव किसे कहते है, परिनालिका किसे कहते है, विद्युत चुंबक किसे कहते है, विद्युत मोटर किसे कहते है, विद्युत मोटर का सिद्धांत क्या है, फ्लेमिंग का वामहस्त नियम किसे कहते है, विद्युत जनित्र किसे कहते है?
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board |
Textbook | NCERT,BHARTI BHAVAN |
Class | Class 10 |
Subject | physics |
Chapter no. | Chapter 5 |
Chapter Name | विधुत धारा के चुम्बकीय प्रभाव |
Category | Class 10 physics Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
अध्याय:05 विधुत धारा के चुम्बकीय प्रभाव
चुम्बक :-
वैसा पद्वार्थ जिसमे लोहा, इस्पात, कोबाल्ट, निकेल जैसे पद्वार्थों को अपनी ओर आर्कषित करने का गुण रखते हो, चुम्बक कहलाते है।
चुम्बक मे दो ध्रुव होते हैं:
- उत्तरी ध्रुव
- दक्षिणी ध्रुव
- दो समान ध्रुवो मे प्रतिकर्षण कि क्रिया होती है।
- दो असमान ध्रुवो मे आर्कषण की क्रिया होती है।
- चुम्बक का सबसे छोटा कण डोमेन होता है
चुम्बकीय क्षेत्र :-
किसी चुंबक के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें किसी वस्तु को रखने पर वह अपने पर बल का अनुभव करता हो या अनुभूति प्राप्त करता हो तो ,उसे चुंबक का चुंबकीय क्षेत्र कहलाता है ।
- चुम्बकीय क्षेत्र का SI मात्रक टेस्ला ( Tesla ) है ।
- चुंबकीय क्षेत्र एक ऐसी राशि है जिसमें परिमाण तथा दिशा दोनों होते हैं।अर्थात् यह एक सदिश राशि है।