कक्षा (class):9
अध्याय: 01 (विज्ञान और मापन)
विज्ञान (science)– सावधानीपूर्वक और क्रमबद्ध तरीके से किए गए प्रयोगों और परीक्षणों द्वारा प्राप्त ज्ञान को ही विज्ञान कहते हैं |
- Science शब्द की उत्पति लैटिन भाषा के शब्द ‘साइंटिया‘ से हुई है, जिसका मतलब है ‘ज्ञान’.
- विज्ञान शब्द “वि + ज्ञान “शब्द से बना है, जिसका अर्थ विशिष्ट ज्ञान से है
विज्ञान की दो शाखाएँ होती है –
❂ कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- प्राचीन भौतिक विज्ञान का पिता: अजैक न्यूटन
- आधुनिक भौतिक विज्ञान का पिता: अल्बर्ट आइंस्टाइन
- रसायन विज्ञान का पिता: एंटोनी लिवोजियर
- जीव विज्ञान का जनक: अरस्तू
- जंतु विज्ञान का जनक: अरस्तू
- जीव विज्ञान शब्द का जन्मदाता:लैमार्क & ट्रेविरेनास
☞ जो विज्ञान का अध्ययन करता है उसे वैज्ञानिक कहते हैं।
वैज्ञानिक विधि के मुख्य पांच अंग:
- घटनाओं का सावधानीपूर्वक किया गया प्रेक्षण
- संभावित कारणों का अनुमान लगाना
- प्रयोगों और प्रेक्षणों द्वारा उन कारणों की जांच।
- जांचों के आधार पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना
- आवश्यकतानुसार विचारों और सोचो में अपरिहार्य परिवर्तन करना।
मापन (Measurement) – विज्ञान मापन पर आधारित है | किसी भी राशि की माप के लिए कुछ मानक मापों की आवश्यकता होती है ,जिसे राशि का मात्रक (unit) कहते हैं |
किसी राशि के पूर्ण ज्ञान के लिए दो बातें आवश्यक होती हैं –
- मात्रक – जिससे राशि को व्यक्त किया जाता है |
- संख्यांक – जो राशि में मात्रक की संख्या कहलाता|
भौतिक राशियाँ ( Physical quantities ) –भौतिक के नियमों को जिन पदों में व्यक्त किया जाता है उन्हें भौतिक राशियाँ कहते है |या जिस राशि को मापा जा सके उसे भौतिक राशि कहते है।
जैसे- लम्बाई ,द्रव्यमान , समय, बल |
भौतिक राशियाँ दो प्रकार की होती है |
- आधारी राशियाँ (basic quantities)
- व्युत्पन्न राशियां (derived quantities)
- आधारी राशियाँ – वे राशियाँ जो स्वतंत्र मानी जाती है, आधारी राशियाँ कहलाती हैं | जैसे -द्रव्यमान , लम्बाई, समय, ताप…|
- व्युत्पन्न राशियाँ –वे राशियाँ जिसे आधारी राशियों के पदों में व्यक्त किया जाता है | जैसे -क्षेत्रफल ,आयतन, वेग, त्वरण…
नोट –आधारी राशियाँ के मात्रक आधारी मात्रक तथा व्युत्पन्न राशियों के मात्रक व्युत्पन्न मात्रक कहलाता है |
आधारी मात्रक ( Basic units ) –वह मात्रक जो किसी अन्य मात्रक पर निर्भर नही रहता है | उसे आधरी मात्रक कहते है |
। 📝 विक्रांत सर
व्युत्पन्न मात्रक ( Derived units )–वह मात्रक जिंहे आधारी मात्रकों के पदों में व्यक्त किया जाता है ,वे व्युत्पन्न मात्रक कहलाते है |
कुछ अन्य महत्वपूर्ण मात्रक:
अत्यधिक लम्बी दूरियों को मापने में प्रयोग किये जानेवाले मात्रक-
1. खगोलीय इकाई (Astronomical Unit- A.U.): सूर्य और पृथ्वी के बीच की माध्य दूरी ‘खगोलीय इकाई’ कहलाती है|1 A.U. = 1.495 x 1011मीटर
2. प्रकाश वर्ष (Light Year): एक प्रकाश वर्ष निर्वात में प्रकाश द्वारा एक वर्ष में चली गयी दूरी है|1 ly = 9.46 x 1015 मीटर
3. पारसेक : यह दूरी मापने की सबसे बड़ी इकाई है|1 पारसेक = 3.08 x 1016 मीटर
मात्रकों की पद्धति (System of units )–सभी प्रकार की राशियों के लिए मात्रकों के पूरे समूह को मात्रकों की पद्धति कहते हैं |
मात्रकों की पद्धति के कुछ प्रकार –
- फुट -पाउंड -सेकंड पद्धति ( Foot-Pound-Second system )-इस पद्धति में लम्बाई का मात्रक फुट , द्रव्यमान का मात्रक पाउंड तथा समय का मात्रक सेकेंड होता है | इसे संक्षेप में fps पध्दति कहते है | इसे ब्रिटिश पद्धति भी कहते हैं|
- सेंटीमीटर -ग्राम -सेंकंड पद्धति (Centimetre -gram-second system )– इस पद्धति के लम्बाई का मात्रक सेंटीमीटर ,द्रव्यमान का मात्रक ग्राम तथा समय का मात्रक सकेंड होता है , इसे संक्षेप में cgs पध्दति कहते है |
- मीटर -किलोग्राम -सेकंड पद्धति ( Metre-kilogram-second system )– इस पद्धति में लम्बाई का मात्रक मीटर ,द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम तथा समय का मात्रक सेकंड होता है | इसे संक्षेप में mks पध्दति कहते है |
मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति – तौल एवं माप महासम्मेलन के राशियों को व्यक्त करने लिए लम्बी परिचर्चा के बाद मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय पद्धति का निर्माण हुआ | जिसे SI मात्रक (International System of Unit ) कहते है |
मात्रक SI उपसर्ग –कई छोटी तथा बड़ी राशियों को व्यक्त करने के लिए कुछ मात्रक SI उपसर्ग बनाए गए है | जिनकी सहायता से राशियाँ को आसानी से व्यक्त किया जा सकता है |
कुछ मात्रकों का मान